शेयर बाजार : सेंसेक्स 1,259 अंक की गिरावट से 166 अंक नीचे बंद हुआ; निफ्टी 24,000 के नीचे
बाजार गिरावट के प्रमुख कारण:
1. वैश्विक संकेत:
वैश्विक बाजारों में मिश्रित संकेत में मिश्रित प्रदर्शन और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की बयानबाजी ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। जापान और चीन की मुद्रास्फीति के आंकड़ों ने भी बाजार पर प्रभाव डाला। चीन की उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति जून में 0.2% बढ़ी जबकि जापान की थोक मुद्रास्फीति 2.9% बढ़ी
2. मुनाफावसूली:
सेंसेक्स और निफ्टी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली की, जिससे बाजार में गिरावट आई। सेंसेक्स ने 80,481.36 का उच्चतम स्तर छुआ, जबकि निफ्टी 24,461.05 पर पहुंचा। इसके बाद, निवेशकों ने उच्च मूल्यांकन वाली शेयरों में मुनाफावसूली की, जिससे बाजार में दबाव बना
3. ब्याज दर कटौती की अनिश्चितता:
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज कर अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं। फेड चेयरमैन पॉवेल ने दर कटौती के लिए समय सीमा नहीं दी है और कहा है कि मुद्रास्फीति 2% लक्ष्य तक पहुंचने तक दर कटौती उपयुक्त नहीं है।
4. घरेलू मुद्रास्फीति चिंताएं:
भारत की खुदरा मुद्रास्फीति के बढ़ने की संभावना ने भी बाजार की धारणा को प्रभावित किया है। जून में मुद्रास्फीति बढ़ने की उम्मीद है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ी है। विश्लेषकों के अनुसार, जून में खुदरा मुद्रास्फीति 5% तक बढ़ सकती है, जो % थी।
5. Q1 परिणाम:
पहली तिमाही के परिणामों ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है। कई कंपनियों के परिणाम उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे, जिससे बाजार में गिरावट आई है। निफ्टी 50 की शुद्ध लाभ में तिमाही दर तिमाही 10.7% की गिरावट की उम्मीद है।
6. तकनीकी दृष्टिकोण:
तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी ने 24,300 के स्तर को तोड़ा है, जो बाजार में और गिरावट का संकेत सतर्क रहने की सलाह दी गई है और प्रमुख समर्थन और प्रतिरोध स्तरों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
कंपनियों के प्रदर्शन:
कुछ प्रमुख कंपनियों ने अपने तिमाही परिणामों की घोषणा की। ओएनजीसी का शुद्ध लाभ 15.09% घटकर 8,938.10 करोड़ रुपये हो गया। टीवीएस मोटर कंपनी का शुद्ध लाभ 23.45% बढ़कर 577.32 करोड़ रुपये हो गया। बीईएमएल का समेकित शुद्ध घाटा 70.47 करोड़ रुपये हो गया, जबकि टाटा केमिकल्स का समेकित शुद्ध घटकर 175 करोड़ रुपये हो गया। दूसरी ओर, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज का समेकित शुद्ध लाभ 117.29% बढ़कर 83.72 करोड़ रुपये हो गया, जबकि बीएलएस इंटरनेशनल सर्विसेज का शुद्ध लाभ 70.16% बढ़कर 120.78 करोड़ रुपये हो गया।
आगे की राह:
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार की चाल वैश्विक संकेतों, घरेलू मुद्रास्फीति के आंकड़ों और Q1 परिणामों प निवेशकों को सतर्क रहने और बाजार की गतिशीलता पर नजर रखने की सलाह दी गई है। तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, प्रमुख समर्थन और प्रतिरोध स्तरों पर ध्यान देना आवश्यक है।
इस प्रकार, 6 अगस्त 2024 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव का दिन रहा, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों को बाजार की चाल पर सतर्क रहने और आगामी घटनाओं पर नजर रखने की सलाह दी गई है।
मुंबई. शेयर बाजार में शुक्रवार को भारी उतार-चढ़ाव का माहौल रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स बाजार खुलते ही 2,534 अंक तक गिर गया। ओपनिंग के 12 मिनट बाद ही लोअर सर्किट लगने के कारण ट्रेडिंग रोक दी गई। दोबारा ट्रेडिंग शुरू होते ही सेंसेक्स 3600 अंक तक गिर गया। हालांकि, बाद में यूएस फ्यूचर्स और सेबी के आश्वासन के बाद रिकवरी शुरू हो गई। इतनी बड़ी गिरावट के बाद सेंसेक्स में 1700 अंकों तक की तेजी देखने मिली। यह सेंसेक्स के इतिहास की सबसे बड़ी इंट्राडे रिकवरी है। दिनभर के कारोबार में 5400 अंकों का उतार-चढ़ाव देखने को मिला। यह भी एक दिन में सेंसेक्स में सबसे ज्यादा उतार-चढ़ाव है। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1325.34 अंक ऊपर चढ़कर 34,103.48 पॉइंट पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी भी 433.50 अंक ऊपर चढ़कर 10,023.65 पॉइंट पर बंद हुआ।
बाजार में रिकवरी आने के प्रमुख कारण
- यूएस स्टॉक फ्यूचर्स में रिकवरी
- रिस्क मैनेजमेंट पर सेबी की तरफ से आश्वासन
- क्रूड ऑयल की कीमतों में और गिरावट
- बाजार की रिकॉर्ड गिरावट के बाद निवेशकों ने जमकर की खरीदारी
लोअर सर्किट यानी, बाजार का बेहद बुरा वक्त
जुलाई 2001 की सेबी की गाइडलाइन के बाद सर्किट की शुरुआत हुई थी। भारतीय शेयर बाजार में अचानक आए बड़े उतार-चढ़ाव को थामने करने के लिए सर्किट लगाया जाता है। ये दो तरह के होते हैं। अपर सर्किट और लोअर सर्किट। अपर सर्किट तब लगाया जाता है, जब बाजार एक तय सीमा से ज्यादा बढ़ जाता है। और जब उसी सीमा से ज्यादा घटता है तो लोअर सर्किट का इस्तेमाल किया जाता है। सेबी ने सर्किट के लिए तीन ट्रिगर लिमिट 10%, 15% और 20% तय की हैं। यानी उस वक्त बाजार जितने पर है, उसका 10%, 15% और 20% घटने-बढ़ने पर सर्किट लगता है। शुक्रवार को बाजार में तेज गिरावट के बाद सेंसेक्स में लोअर सर्किट लगाया था।
- जब दोपहर 1 बजे से पहले शेयर बाजार 10% तक गिर या चढ़ जाए तो ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोक दी जाती है।
- अगर 1 बजे के बाद 10% उतार-चढ़ाव होता है तो कारोबार को केवल 15 मिनट के लिए रोका जाता है।
- अगर दोपहर 1 बजे से पहले शेयर बाजार में 15% उतार-चढ़ाव आए तो ट्रेडिंग 1 घंटे 45 मिनट के लिए रोक दी जाती है।
- अगर ट्रेडिंग के दौरान किसी भी वक्त शेयर बाजार में 20% का उतार-चढ़ाव आता है तो बचे हुए दिन के लिए ट्रेडिंग बंद कर दी जाती है।
2008 के बाद 12 साल में पहली बार शेयर बाजार में सर्किट ब्रेक लगा
- सबसे पहला मौका 21 दिसंबर 1990 में आया था, जब सेंसेक्स में 16.19% की गिरावट दर्ज की गई थी। इस गिरावट के बाद शेयर बाजार 1034.96 के स्तर पर पहुंच गया था।
- सेंसेक्स में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट 28 अप्रैल 1992 में आई थी। तब सेंसेक्स में 12.77% की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 3896.90 के स्तर पर बंद हुआ था।
- तीसरा मौका था 17 मई 2004 में आया, जब शेयर बाजार में 11.14% की गिरावट दर्ज की गई। तब शेयर बाजार 4505.16 के स्तर पर जाकर बंद हुआ था।
- 24 अक्टूबर 2008 को सेंसेक्स में 10.96% की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 8701.07 के स्तर पर बंद हुआ था।
आज का मार्केट अपडेट
क्लोजिंग बेल : सेंसेक्स 1325.34 अंक चढ़कर और निफ्टी 433.50 पॉइंट चढ़कर बंद हुआ।
3:14PM: सेंसेक्स 1325.74 अंकों की बढ़त के साथ 34,103.88 पर कारोबार कर रहा। वहीं, निफ्टी 364.70 अंक ऊपर 9,954.85 पॉइंट पर कारोबार कर रहा है।
3:05PM: BSE 30 में 4 शेयरों में गिरावट, वहीं 26 शेयरों में तेजी। SBI, HDFC, टाटा स्टील, HDFC, सनफार्मा के शेयर में सबसे ज्यादा तेजी।
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